महेवागंज चौकी क्षेत्र के खंभार खेड़ा में अवैध मिट्टी खनन के खिलाफ आवाज उठाना तीन पत्रकारों को भारी पड़ गया। अवैध खनन की कवरेज करने पहुंचे पत्रकार रामसनेही, संतोष कुमार और अनुराग तिवारी पर खनन माफिया ने हमला कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, पत्रकारों ने जब पड़ोस के गंगाबहेड़ ग्राम पंचायत के खनन माफिया आरिफ और पप्पू (पुत्रगण लुकमान) से अवैध खनन पर सवाल किए तो आरोपियों ने न केवल पत्रकारों के कैमरे छीन लिए, बल्कि उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट भी की। माफिया ने पत्रकारों से जबरन वीडियो डिलीट कराते हुए कहा, "गंगाबहेड़ का नाम मेरे पिता लुकमान के नाम से जाना जाता है।"
इस दौरान पत्रकार रामसनेही ने घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की, जिसे माफिया ने छीनकर डिलीट कर दिया। आरोप है कि माफिया ने खुलेआम धमकी देते हुए कहा, "खनन करूंगा और अब तुम यहां से निकल नहीं सकते।"
घटना के बाद तीनों पत्रकार किसी तरह जान बचाकर मौके से भागे और महेवागंज पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई।
इस घटना से क्षेत्र के पत्रकारों में रोष व्याप्त है। स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि खनन माफिया का यह आतंक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है।
पुलिस जांच के बाद ही होगा न्याय:
महेवागंज पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पत्रकार संगठनों ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
खनन माफिया का आतंक:
यह घटना क्षेत्र में खनन माफिया के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है। ग्रामीणों का कहना है कि खनन माफिया किसी भी विरोध को कुचलने के लिए हिंसक तरीकों का सहारा लेते हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस घटना पर क्या कदम उठाता है।